झारी, कृष्णदेव

युग कति निराला: सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के शक्तिपूर्ण काव्य का सशक्त अध्ययन और नवालोचन कृष्णदेव झारी - नई दिल्ली दीपू बुक्स 2010 - 247

9788191914185


त्रिपाठी, सूर्यकान्त- आलोचना एवं व्याख्या
हिन्दी कविता- आलोचना एवं व्याख्या

891.4316D / JHA P10