000 | 03672 a2200229 4500 | ||
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003 | OSt | ||
005 | 20240520102053.0 | ||
008 | 240319b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9789386956774 9 (18ख.) | ||
040 |
_cDDUCL _dDDUCL |
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082 |
_223rd _a294.5924 _bVYA P22 |
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100 | _a व्यास, कृष्णव्दै पायन | ||
110 | _aकृष्णव्दै पायन व्यास; | ||
245 |
_aश्रीमद्भागवतम् _cकृष्णदोपन व्यास कृत |
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260 |
_aमुंबई _bभक्ति वेदान्त बुक ट्रस्ट _c2022 |
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300 | _a12ख. | ||
490 | _vVol. 18 | ||
505 |
_rकृष्णव्दै पायन व्यास; _tख. 1 प्रथम स्कन्ध सृष्टि _tख. 2 व्दितीय स्कन्ध ब्रहाम्ण्ड की अभिव्यक्ति _tख. 3 तृतीय स्कन्ध ``यथास्थित (भाग एक अध्याय 1-16 तक) भाग दो अध्याय -17-33 तक ) _tख. 4 चतुर्थ स्कन्ध चतुर्थ आश्रम की उत्पति ; भाग - 1- अध्यायन 1-19), भाग - 2 अध्याय 20-30) _tख. 5 पंचम स्कन्ध ``सष्टि का प्ररेणा _tख. 6 षष्ठ ककन्ध ``मनुष्य के लिए विहित कार्य _tख.7 सप्तम स्कन्ध ``भगवदविज्ञान`` _tख. 8 अष्टम ब्रम्हाणीय सृष्टि का निर्वतन _tख. 9 नवम स्कन्ध ``मुक्ति`` _tख. 10 दशम स्कन्ध `` परम पुरुषार्थ`` भाग- एक अध्याय 1-13, भाग - दो अध्याय 14-44, भाग तीन - अध्याय 45-61, भाग-चार- अध्याय 70-90 _tख.11 एकादश स्कन्ध `` सामान्य इतिहास ``, भाग- एक अध्याय 1-12, भाग - दो अध्याय 13-31 _tख. 12 व्दादश स्कन्ध ``पुतनोन्मुख युग`` |
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650 |
_xश्रीमद्भागवतगीता -आलोचना एवं व्याख्या _xहिन्दु धर्म - पवित्र पुस्तके - व्याख्या _xश्रीमद्भागवतगीता -दर्शन |
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650 |
_xI शीर्षक : स्वामी प्रभुपाद _x II शीर्षक : श्रीमदभागवतम _xIII शीर्षक : प्रथम स्कन्ध `` सृष्टि`` _xIV शीर्षक : व्दितीय स्कन्ध .... _xV शीर्षक : तृतीय स्कन्ध .... _xVI शीर्षक : तृतीय स्कन्ध .... _xVII शीर्षक : चतुर्थ स्कन्ध .... _xVIII शीर्षक : चतुर्थ स्कन्ध .... _xIX शीर्षक : पंचम स्कन्ध .... _xX शीर्षक : पृष्ठ स्कन्ध .... _xXIशीर्षक : सप्तम स्कन्ध .... _xXIIशीर्षक : अष्टम स्कन्ध.... _xXIII शीर्षक : नवम स्कन्ध.... _xXIV शीर्षक : दशम स्कन्ध.... _xXV शीर्षक : एकादश स्कन्ध.... _xXVI शीर्षक : व्दादश स्कन्ध.... |
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942 |
_cBK _2ddc |
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999 |
_c20588 _d20588 |